Tuesday, April 1, 2025

पुस्तक उपहार अभियान 2025-26

 

पर्यावरण चेतना और सामुदायिक भावना के उल्लेखनीय प्रदर्शन में केंद्रीय विद्यालय उमरिया के छात्रों एवं शिक्षकों ने सोमवार को 'पुस्तकोपहार महोत्सव' मनाया। प्रिंसिपल श्रीमती बिबियाना एक्का जी के मार्गदर्शन में सर्वप्रथम वार्षिक परिणाम घोषित किए गए और प्राचार्य के द्वारा सभी छात्रो को उत्तम भविष्य की शुभकामना दिया गया और इसके उपरांत पुस्तक उपहार दिवस मनाया गया जिसमे छात्रों ने पर्यावरण की रक्षा, ज्ञान साझाकरण और जरूरतमंद छात्रों की सहायता को बढ़ावा देने के साधन के रूप में पुस्तकें दान करने जैसे नेक कार्य को सम्पन्न किया। उन्होंने उनके प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला और इस पहल में उत्कृष्ट योगदान के लिए छात्रो को बहुत सराहा और उन्होंने कहा की अभियान से पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ सामुदायिक भागीदारी की संस्कृति को भी बढ़ावा मिला ।कार्यक्रम के दौरान लाइब्रेरियन श्री राजेश पांडे और अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे ।

वीर बाल दिवस का इतिहास


 सिक्खों के गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोबिंद सिंह जी के चार बेटे थे अजत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह. ये पुत्र भी खालसा के हिस्सा थे. यह वह समय था जब पंजाब में मुगलों का शासन था. गुरु गोबिंद सिंह जी को साल 1705 में मुगल पकड़ना चाहते थे. ऐसे में गुरु गोबिंद सिंह जी को अपने परिवार से अलग होना पड़ा था. 

गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी माता गुजरी देवी और उनके दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह किसी गुप्त स्थान पर छिप गए थे. गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों बड़े पुत्रों ने इस दौरान मुगलों से जंग लड़ी थी जिसमें वे शहीद हो गए. छोटे बेटों को मुगलों ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. अपने पुत्रों की शहादत के दुख में माता गुजरी ने अपने प्राण त्याग दिए.

साल 2022 से भारत सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन को गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के बलिदान को याद करते हुए मनाया जाता है. अलग-अलग शैक्षिक और धार्मिक संस्थानों में इस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. 

पुस्तक उपहार अभियान 2025-26

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