सिक्खों के गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोबिंद सिंह जी के चार बेटे थे अजत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह. ये पुत्र भी खालसा के हिस्सा थे. यह वह समय था जब पंजाब में मुगलों का शासन था. गुरु गोबिंद सिंह जी को साल 1705 में मुगल पकड़ना चाहते थे. ऐसे में गुरु गोबिंद सिंह जी को अपने परिवार से अलग होना पड़ा था.
गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी माता गुजरी देवी और उनके दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह किसी गुप्त स्थान पर छिप गए थे. गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों बड़े पुत्रों ने इस दौरान मुगलों से जंग लड़ी थी जिसमें वे शहीद हो गए. छोटे बेटों को मुगलों ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. अपने पुत्रों की शहादत के दुख में माता गुजरी ने अपने प्राण त्याग दिए.
साल 2022 से भारत सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन को गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के बलिदान को याद करते हुए मनाया जाता है. अलग-अलग शैक्षिक और धार्मिक संस्थानों में इस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
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